श्री लक्ष्मीनारायण बड़े मंदिर में श्री लक्ष्मीनारायण भगवान की मूर्ति स्थापना ३०० वर्ष पूर्व महंत श्री राम रतन दासजी महाराज के द्वारा करायी गयी है. इस लक्ष्मीनारायण मंदिर के दाये बाजु में राम, लक्ष्मण और सीताजी की मूर्तियोंका प्रकोष्ट है तथा बाये बाजु में श्री द्वारकाधीश का मंदिर प्रकोष्ट है. राम, सीता और लक्ष्मण जी के सामने हनुमानजी स्थापित किये गए है तथा द्वारकाधीश मंदिर के सामने गरुड़जी स्थापिर है .११ जुलाई २०१५ को भगवान शंकरजीकी सह परिवार प्राण प्रतिष्ठा किया गया,जिस में कुम्भ मेलामे आये हुए संत ,महंत, महामंडलेश्वर और प्रशासन के अधिकारी भी महाप्रसाद के लिए आये ,सभी का यथा योग्य सम्मान किया गया .
मंदिर के समीप ही पूर्व महंतजनो की चरण पादुकाएं स्थापित की गयी है. ये पादुकाएं कुल १२ है. जिसमे महंत का नाम तथा उनके सकेतवासी होने की तिथि अंकित की गयी है. लगभग ३ या ४ पादुकायें में ऐसा नहीं किया गया है.
चरण पादुकाएं
मंदिर में हिन्दू रीतिरिवाज से मनाये जाने वाले सभी पर्व त्योहार के दिन खूब धूमधाम रहती है. मंदिर भी विशेष रूप से सजाया जाता है.
आरती: सुबह की आरती ७ बजे और शाम की आरती ८ बजे रत को होती है.
महंत परंपरा : स्वामी श्री महंत रामरतन दासजी महाराज मंदिर प्रारम्भ के समय अयोध्या दशरथ महल से यहाँ आये थे .बीच के कुछ महंत की जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी, मात्र 7 महंतो की जानकारी मिल पायी है.
1. श्री महंत केशवदास जी महाराज 2. श्री महंत गणेशदास जी महाराज 3. श्री महंत महावीरदास जी महाराज 4. श्री महंत अवधबिहारीदास जी महाराज 5. श्री महंत भगवतदास जी महाराज 6. श्री महंत नारायणदास जी महाराज 7. श्री महंत रामसनेहीदास जी महाराज
आज के वर्तमान श्री महंत रामसनेहीदास जी महाराज है.
यहाँ एक ग्रंथ भंडार भी है और ट्रस्ट को सामाजिक कार्योंके लिए अवार्डस भी मिले है .
ग्रंथ भंडार अवार्डस
